Sunday, March 29, 2009

मतदान-महादान....वोट डालो...देश बचालो

चुनाव फिर से हमारे सामने हैं. यह एक ऐसा राष्ट्रीय उत्सव है जो शायद कभी भी पूरे मन से, विवेकशील होकर राष्ट्रीय चेतना बलवान करते हुये देश हित की कामना के साथ नहीं मनाय गया. आज के जो हालात हैं उन्हॅ देखते हुये देश के नागरिकॉ का कर्तव्य है ( चाहे वे किसी भी वर्ग, जाति या मज़हब से ताल्लुक रखते हॉ) कि अपने जनतंत्र को विवेकपूर्ण मतदान से पुनर्प्रतिष्ठापित करॅ. हम अपने हितॉ को पहचानें. अपने परिवार, अपने गांव, अपने शहर और अपने देश के विकास को ध्यान मॅ रखकर मतदान करॅ.

बहुत से लोगॉ को मैने यह कहते सुना है कि किसे वोट दॅ सभी नेता एक ही थाली के चट्टेबट्टे हैं. तो क्या भारत मॅ लोकतंत्र के दिन लद गये???? क्या हम अपने देश को लोकतांत्रिक पद्धति से नही चला सकते??? इन सवालॉ के जवाब हमॅ तलाशने होंगे!!!


हम बदलॅगे हर उस व्यक्ति को जो देश-हित की बात को मह्त्व नहीं देता, हमारी बात नही सुनता, हमारे विकास की बात जिसे महत्वपूर्ण नही लगती, जो भ्रष्ट है, जो आपराधिक पृष्ठभूमि वाल नेता है, जो समाज को बाँट कर रखना चाहते हैं, जो अक्षम हैं, और जो ज़िम्मेदार नही है. हम चुनाव के माध्यम से अपनी राय दॅगे और बदल दॅगे इन सब चीज़ॉ को. हम मतदान करॅगे.

  • शिक्षित व्यक्ति को अपना कीमती वोट दॅ.
  • ऐसे उम्मीदवार को वोट ना दॅ जिसका कोई आपराधिक रेकार्ड रहा हो.
  • बाहुबलि से ज्यादा विवेकवान उम्मीदवार को प्राथमिकता दॅ.
  • मतदान के मामले मॅ किसी भी प्रकार के प्रलोभन से बचॅ.( जैसे अपनी जाति का प्रत्याशी है, मित्र है, कुछ तो मदद करेगा ही...आदि आदि)
  • पार्टी से ज्यादा उम्मीदवार को महत्व दॅ. अगर पार्टी का प्रत्याशी है तो अवलोकन करॅ कि उसने अपने कार्यकाल मॅ समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियॉ का निर्वहन किस प्रकार किया है.

मै व्यक्तिगत तौर पर यह मानता हूँ कि हमे अभी और आत्म-मंथन की आवश्यकता है. हमें उन युवा, देशहितैशी, ऊर्जावान नेताऑ की पहचान करनी चाहिये जो दलगत राजनीति से ऊपर उठे हुये है और उन्हॅ एक अवसर चाहिये. मै अपील करता हूँ एक-एक भारतीय नागरिक से जो कि मतदान का अधिकार प्राप्त कर चुका है कि अपने वोट का समझदारी से उपयोग करॅ. देश के राजनैतिक गलियारॉ से साफ करॅ उस गन्दगी को जिसने भारत की उज्ज्वल छवि को कलंकित किया है. स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवार को विजयी बनायॅ. ऐसे नेता को वोट दॅ जो समाज का चिंतन करता हॉ. समाज के दु:ख को अपना दु:ख समझता हो.

मतदान करॅ . अवश्य करॅ. यह हमारा हक है, हमारा कर्तव्य है और यही हमारी शक्ति भी है.

एक वोट का अर्थ है कि परिवर्तन की ओर एक कदम. अगर एक अरब वोट डाले जायॅ तो एक अरब कदम उठेगॅ विकास की ओर.....


फैसला आपको करना है......फैसला हमॅ करना........!!!!! भारत के जन-जन को करना है..


आज देश की आबादी का बड़ा हिस्सा पढा-लिखा है.. शिक्षित है. और तो और हम विश्व मॅ कम्प्यूटर साफ्टवेयर के क्षेत्र मॅ अग्रणी हैं. तो क्या हम अपने लिये, अपने परिवार के लिये....अपनी आनेवाली पीढी के लिये एक सही निर्णायक कदम नही उठा सकते????

क्या हम सब मतदान नहीं कर सकते????

देश की अमीर-गरीब जनता, जिससे मिलकर यह भारत देश बनता है. उसी जनता की जेब से जो पैसा इक्ट्ठा हुआ, यह अकूत धन-राशि और संपूर्ण सरकारी तंत्र देश मॅ यह जो यह चुनाव रूपी आन्दोलन होने वाला है आन्दोलन को सफल बनाने कि लिये प्रयासरत हैं.

क्या हम अपना सहयोग नहीं कर सकते??? क्या हम सब विवेक पूर्ण हो कर मतदान नहीं कर सकते?


एक ऐसी घटना जिसके परिणाम हम सब को वहन करने (झेलने) हैं. क्या हम उस घटना के परिणाम को सकारात्मक और देशहित मॅ करने के लिये अपने कीमती वोट का उपयोग नहीं कर करना चाहॅगे???

क्या हम एक सही निर्णय के लिये सजग मन से तैयार हैं??? क्या हम इस भारतवर्ष के जिम्मेदार नागरिक एक छोटा मगर अति-महत्वपूर्ण नही उठा सकते???

क्या हम सजग होकर, अपने हित के लिये मतदान भी नही कर सकते????

Wednesday, March 4, 2009

आतंक के खिलाफ : हल्ला बोल

कमी रह गई इस मॅ भी. एक आध क्रिकेटर की मौत हो ही जाती....तो भी दुनिया यह मानने को तैयार नही होती कि पाकिस्तान ही जड़ है पूरी दुनिया मॅ फैले इस आतंकवाद रूपी ज़हर के पौधे की. गददाफी स्टेडियम के बाहर श्री लंकाई क्रिकेट टीम दल पर हमला हो चुका है. और यह बात स्व-प्रमाणित हो चुकी है कि अगर अब भी नही चेते तो फिर दुनिया को चित होने से कोई नही रोक सकेगा.

फिर वही होगा....हम फिर एक माह के लिये जाग गये है. फिर से चिंता की रेखाये लौट आई है हमारे चिकने माथे पर. हम फिर अस्थाई रूप से चिंतित हो गये है. फिर से सारे मामले की समीक्षा होगी. पूरे मामले की निश्पक्ष जांच होगी. दो-चार नाम उछाले जायेगे. कुछ लोगो को शक के आधार पर गिरफ्तार भी किया जायेगा लेकिन नाकाफी सबूतॉ के चलते वो भी बाइज़्ज़त रिहा कर दिये जाएंगे. पूरा ड्रामा खेला जायेगा कि किस तरह हमेशा की तरह पाक खुद को पाक दामन साबित करले.

काश अगर यहाँ चीनी टीम होती, या फिर अमेरीकी टीम होती तो सूरतेहाल कुछ और ही होते.

अब तो जागो मेरे देश के लोगॉ. अब तो चेत जाओ. मौका आने वाला है. एक ऐसी सरकार चुनो जो तुम्हारा हित समझ सके. देश हित के जान सके. बदल ड़ालो भारत की तस्वीर इस दुनिया के नक्शे पर. दिखा दो कि हम भी तख्ता पलटना जानते है. हम भी हिम्मत रखते है कि अपनी बात रख कर अपनी ताकत दिखा सकते है.

तो बदल डालो...मिटा दो आतंकवाद का नाम इस दुनिया के शब्दकोष से.
(दुख हुआ कि खेल भावना को चिट पहुची. दुख हुआ कि खिलाड़ी घायल हुए. चैन है कि किसी की जान नही गयी.)

Tuesday, March 3, 2009

अब तो जागो ओबामा....

कमी रह गई इस मॅ भी. एक आध क्रिकेटर की मौत हो ही जाती....तो भी दुनिया यह मानने को तैयार नही होती कि पाकिस्तान ही जड़ है पूरी दुनिया मॅ फैले इस आतंकवाद रूपी ज़हर के पौधे की. गददाफी स्टेडियम के बाहर श्री लंकाई क्रिकेट टीम दल पर हमला हो चुका है. और यह बात स्व-प्रमाणित हो चुकी है कि अगर अब भी नही चेते तो फिर दुनिया को चित होने से कोई नही रोक सकेगा.

फिर वही होगा....हम फिर एक माह के लिये जाग गये है. फिर से चिंता की रेखाये लौट आई है हमारे चिकने माथे पर. हम फिर अस्थाई रूप से चिंतित हो गये है. फिर से सारे मामले की समीक्षा होगी. पूरे मामले की निश्पक्ष जांच होगी. दो-चार नाम उछाले जायेगे. कुछ लोगो को शक के आधार पर गिरफ्तार भी किया जायेगा लेकिन नाकाफी सबूतॉ के चलते वो भी बाइज़्ज़त रिहा कर दिये जाएंगे. पूरा ड्रामा खेला जायेगा कि किस तरह हमेशा की तरह पाक खुद को पाक दामन साबित करले.

काश अगर यहाँ चीनी टीम होती, या फिर अमेरीकी टीम होती तो सूरतेहाल कुछ और ही होते.

अब तो जागो मेरे देश के लोगॉ. अब तो चेत जाओ. मौका आने वाला है. एक ऐसी सरकार चुनो जो तुम्हारा हित समझ सके. देश हित के जान सके. बदल ड़ालो भारत की तस्वीर इस दुनिया के नक्शे पर. दिखा दो कि हम भी तख्ता पलटना जानते है. हम भी हिम्मत रखते है कि अपनी बात रख कर अपनी ताकत दिखा सकते है.

तो बदल डालो...मिटा दो आतंकवाद का नाम इस दुनिया के शब्दकोष से.
(दुख हुआ कि खेल भावना को चिट पहुची. दुख हुआ कि खिलाड़ी घायल हुए. चैन है कि किसी की जान नही गयी.)
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