कमी रह गई इस मॅ भी. एक आध क्रिकेटर की मौत हो ही जाती....तो भी दुनिया यह मानने को तैयार नही होती कि पाकिस्तान ही जड़ है पूरी दुनिया मॅ फैले इस आतंकवाद रूपी ज़हर के पौधे की. गददाफी स्टेडियम के बाहर श्री लंकाई क्रिकेट टीम दल पर हमला हो चुका है. और यह बात स्व-प्रमाणित हो चुकी है कि अगर अब भी नही चेते तो फिर दुनिया को चित होने से कोई नही रोक सकेगा.
फिर वही होगा....हम फिर एक माह के लिये जाग गये है. फिर से चिंता की रेखाये लौट आई है हमारे चिकने माथे पर. हम फिर अस्थाई रूप से चिंतित हो गये है. फिर से सारे मामले की समीक्षा होगी. पूरे मामले की निश्पक्ष जांच होगी. दो-चार नाम उछाले जायेगे. कुछ लोगो को शक के आधार पर गिरफ्तार भी किया जायेगा लेकिन नाकाफी सबूतॉ के चलते वो भी बाइज़्ज़त रिहा कर दिये जाएंगे. पूरा ड्रामा खेला जायेगा कि किस तरह हमेशा की तरह पाक खुद को पाक दामन साबित करले.
काश अगर यहाँ चीनी टीम होती, या फिर अमेरीकी टीम होती तो सूरतेहाल कुछ और ही होते.
अब तो जागो मेरे देश के लोगॉ. अब तो चेत जाओ. मौका आने वाला है. एक ऐसी सरकार चुनो जो तुम्हारा हित समझ सके. देश हित के जान सके. बदल ड़ालो भारत की तस्वीर इस दुनिया के नक्शे पर. दिखा दो कि हम भी तख्ता पलटना जानते है. हम भी हिम्मत रखते है कि अपनी बात रख कर अपनी ताकत दिखा सकते है.
तो बदल डालो...मिटा दो आतंकवाद का नाम इस दुनिया के शब्दकोष से.
(दुख हुआ कि खेल भावना को चिट पहुची. दुख हुआ कि खिलाड़ी घायल हुए. चैन है कि किसी की जान नही गयी.)
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1 comment:
pakistan to sada ththyon ko chupata rha hai,aab bhi chupaeyga.
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