Sunday, January 25, 2009

GAN TNTRA HAI JI,ZARA BACHKE REHNA BHAIYA

GANTANRA BNA GUN TANTRA-
ZRAA BACH KE RAHNAA BHAIYA,
NAA MAMMI NAA PAPA-BANDHU-
SABSE BADA RUPAIYA,

DOOB CHALI HAI LAGTI ABTO-
JAN-GAN-MAN KI NAIYA,
NAA SANRAKSHAK RAHE RAM AB-
KRISHN RAHE NAA KHIVIYA,

MULLA KI MASZID BHEE GADLI-
MANDIR MILE NAA SAYIYAA,
BETI KAA SHOSHAK HAI PITAA-
BAEHAN KAA BHAKSHAK BHAIYA,

RAAJNEETI KE KOTHE BIKTI-
PYAARI BHARAT MAIYA,
POOT RAHE NAA POOT BANE HAI DHOORTH-
NAA RAKSHAK RAHE SIPAHIYA,

ZARA BACHKE REHNA BHAIYA.

Monday, January 19, 2009

टेंशन,डिपरैशन,अनिद्रा,ह्र्दय रोग की अचूक दवा है सत्य बोलना.


सदियॉ से कहा जाता रहा है के सदा सत्य बोलना चाहिए, सत्य का व्यवहार करना चाहिए. पौराणिक कथाऑ मॅ भी सत्य की असत्य पर विजय की ही गाथा गाई हुई है. भारत के प्रतीक चिन्ह का अभिन्न हिस्सा है,”सत्यमेव जयते” यह वाक्य. आखिर क्यॉ? क्या होता है सत्य? क्यॉ सत्य की इतनी महिमा गाई गई है? आज का मानव भिन्न प्रकार के मनोरोगॉ के जाल मॅ उलझा हुआ है.कही उसकी काट सत्य की पहेली मॅ ही तो नही!! राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जीवन मॅ सत्य का जो स्थान रहा वो किसी से छिपा नही है. तो प्रश्न यह है कि आखिर सत्य कहने, सत्य सुनने, सत्य से ओत-प्रोत जीवन जीने मॅ ऐसा क्या है? एक लोकोक्ति है- सत्य कहने और सुनने वाला- ये दोनॉ ही दुर्लभ होते है.जिस योग के बूते स्वामी रामदेव जी आज सकल विश्व मॅ चर्चित है उस योग पद्धित के प्रणेता, अष्टांग योग सिद्धांत के प्रवर्तक योगर्षि पतंजलि ने भी आत्मिक शुद्धि के लिए जो यम-नियम दिये उनमॅ सत्य का स्थान सर्वोच्च है. कहा गया है कि सत्य तप है. अर्थार्थ तपाने वाला है. सत्य बोलने, सत्य का आचरण करने से आत्मबल, आत्मविश्वास बढता है. एक सत्य कह देने से हज़ार झूठ नही बोलने पडते. बेकार के तनाव से मुक्ति मिल जाती है. मन साफ रहता है. व्यक्ति व्यर्थ कि बातॉ से भयग्रस्त नही रह्ता. मन मॅ प्रेम उत्पन्न होता है. अकारण तनाव नही होता. बी.पी. ठीक रहता है. छोटी-मोटी बातॉ से व्यकित बौखलाता नही, बल्कि उनका समाधान बड़ी सरलता से कर पाता है क्यॉकि व्यक्ति शांत होता है. उसके परिवार मॅ, समाज मॅ सभी रिश्ते भली प्रकार पनपते है. व्यक्ति समाज के लिये उपयोगी बन जाता है. वह सहयोगी हो जाता है. जीवन मॅ स्थिरता आ जाती है. शरीर मॅ रोग नही पलते क्योकि वह ऊर्जावान रहने लगता है. रक्त मॅ लाल रक्त कणिकाऍ बढ जाती है. शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मॅ वृद्धि होती है. दवा-दारू मॅ लगने वाला पैसा बच जाता है. संतुलित मन होने के कारण व्यक्ति सही-ग़लत मॅ अंतर करने मॅ अधिक सक्षम हो जाता है. परिवार का विकास होता है. नई पीढी मज़बूत होती है. उसका जीवन स्तर ऊचा हो जाता है. बनावटीपन नही रहता. तो तनाव नही होता. चेहरे की त्वचा दमक उठती है. व्यक्ति चिर-युवा रहता है. टॅशन, डिप्रेशन, मोटापा, ह्र्दय रोग, चर्म रोग, पेट के रोग व अनिद्रा ये सब बिमारियाँ पास भी नही फटकती. तो अब आप ही बताइए की सही कहा गया है ना कि सदा सच बोलना चाहिए. तो आज से ही तय करॅ कि स्वमं तो सत्य को धारण करॅगे ही साथ ही आपने छोटॉ को भी सच्चाई से जीने के लिये उत्साहित करॅगे. क्यॉकि सत्यम-शिवम-सुन्दरम.

19 जनवरी ओशो निर्वाण दिवस


आज उस विभूति का निर्वाण दिवस है जिसने मानव को सदियॉ से पैरॉ मॅ पड़ी हुइ मानसिक बेड़ियॉ से मुक्त करने का प्रयास किया. उसने धर्म का वास्तविक स्वरूप बतलाया. वेदॉ के पुरातन धारा को नये आयाम मॅ समाज के सम्मुख रखा. विश्व मानव के टुकड़ॉ को, जो धर्म के नाम पर, रंग के भेद पर, सांसकृतिक विविधताऑ के कारण टूटा हुआ है, फिर से जोड़ने का सार्थक प्रयास किया. आज ऐसे युग-पुरुष का निर्वाण दिवस है. सबसे बड़ी बात जो महत्वपूर्ण है कि बाबा ओशो की शिक्षाऑ ने कभी देश को तोड़ने की प्रेरणा नही दी. बल्कि चेतना के उच्च स्तर पर हर व्यकित को जुड़ा हुआ बताते हुए आपसी सौहार्द के साथ एक जुट रह कर जीने की प्रेरणा दी. आइए हम सब आज उन्हॅ याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करॅ.

Sunday, January 18, 2009

कंडोम..(आपका सुरक्षा चक्र) अगर कुछ ऐसा कहे तो..

कंडोम हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा है. जिसे चाह कर भी भुलाया नही जा सकता. यह हमॅ अनचाहे गर्भ से तो बचाता ही है अपितु ना ना प्रकार की यौन रोगॉ से भी बचाता है. कंडोम का प्रयोग करना ही चाहिए क्यॉकि इसी मॅ है समझदारी. और अगर ये कुछ प्रसिद्ध ब्राण्ड जैसे पेप्सी, सैमसुंग, कोलगेट इत्यादि भी कंडोम बनाने लगॅ को उनके प्रचार वाक्य कैसे हॉगे. ब्लाग पर जाकर देखॅ ये मज़ेदार विज्ञापन और बताइए आपको कैसे लगे.



















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Saturday, January 17, 2009

नेता जी को मिले नोट ही नोट


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क़ल मेरे पास ISI के मुखिया का फोन आया. वो बेचारा गिड़गिड़ा कर बोला" हजूर अगर आप लोग भी हमे मोहलत नही दोगे तो हम तो भूखॉ मर जायॅगे सरकार". तो मैने तैश मॅ आकर पूछा (जैसे हम लोग अक्सर आजाते है)तो मै क्या करूँ? क्या मैनॅ ठेका लिया है तुम्हारी रक्षा-सुरक्षा का? तो वह उदास होते हुए बोला," आप भारत के नेता हो, बस आप भारत की जनता को मुम्बई प्रकरण भूलने मॅ मदद करो और हम आपकी जेब का ख्याल रक्खॅगे. हाँ आपना पता ठिकाना हमॅ ज़रूर बता दो ताकि हम अपने कसाब जैसे भाइयॉ को हिदायत दे दॅ कि उस इलाके मॅ बम बारी ना करॅ. आखिर आप ही के कारन तो हम भारत मॅ अपने कारनामे कर पाते है. आप का तो खास ख्याल हमॅ रखना ही होगा." यह बात मैनॅ अपनी विरोधी पार्टी के लोगॉ को कही तो उनकी तो जैसे निकल पड़ी. वो चहक उठे. उनकी आँखॉ मॅ एसी चमक आती दिखी जैसे बिल्ली की आँखॉ मॅ होती है चूहे को आता देख. वो बोले," नेता जी, हमार भी ख्याल रखिएगा, हम भी आपके साथ है. जनता का क्या है, जनता आज नही तो कल हर घटना-दुर्घटना को भूल ही जाती है. क्यॉकि जनता को शार्ट टर्म मेमोरी लौस की बिमारी है. हमे तो अपने बैंक के खातॉ की चिंता करनी है बस. चाहे जनता के राशन के खातॉ मॅ कुच हो ना हो. हमॅ अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना है चाहे देश की रक्षा हो ना हो.हमारे पेट मॅ चिकनाई कम नही होनी चाहिए चाहे देश मॅ पेट्रोल हो ना हो, हमॅ अपने फार्म हाउसॉ की हरियाली कि चिंता है चाहे देश मॅ विकास हो ना हो." मै विपक्षी पार्टी के नेता जी कि बातॉ से खासा प्रभावित हुआ और मैने ISI के मुखिया को हाँ कह दी. 10 मिनट के बाद ही एक आदमी मुझे साहब की भेजी हुई भॅट दे गया. लेकिन मै यह नही समझ पा रहा हूँ कि खुशी मनाऊ या अफसोस. इस पर आप कुछ् कहना चाहॅगे?

पुरूष और टेलिविज़न


ये अनोखा अनुपात है भइ, आप कुछ कहना चाहॅगे.मै तो समझ नही पा रहा हूँ कि क्या कहूँ. यह चित्र आधुनिक पुरुष के तनाव भरे जीवन की झलक तो दे ही रहा है. आपनी राय ज़रूर दीजिए.

सिलिंडर की आयु-सीमा


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क्या आपने कभी गैस सिलिंडर की एक्सपायरी तिथि के बारे मॅ सुना है???

ऐसे सिलिंडर जिनकी वैध आयु सीमा समाप्त हो चुकी है ओर वे सिलिंडर सुरक्षित नही है व गृह-उपयोग के लायक नही रह गये है. उदाहरण के लिए चित्र देखॅ और अपने घरॉ मॅ उपयोग हो रहे सिलिंड़रॉ की आयु के बारे मॅ जानकारी प्राप्त करॅ.

मान-दण्ड इस प्रकार है:-
1) ए मार्च के लिये है (पहली तिमाही)
2) बी जून के लिये है (दूसरी तिमाही)
3) सी सितम्बर के लिये है (तीसरी तिमाही)
4) डी दिसम्बर के लिये है (चौथी तिमाही)

दिये गये अंक उस वर्ष को इंगित करते है जिस वर्ष मॅ सिलिंडर की वैधता समाप्त हो रही है. जैसे D06 का अर्थ हुआ कि सिलिंडर कि आयु सीमा सितम्बर 2006 मॅ समाप्त हो रही है. जबकि D13 का अर्थ है कि यह सिलिंडर सितम्बर 20013 तक प्रयोग करने योग्य है. जागो उपभोक्ता जागो. पुराने सिलिन्डरॉ को लेने से मना करॅ. सुरक्षित रहॅ.

Friday, January 16, 2009

टॆस्ट चिट्ठा

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कान्हा कलयुग मॅ ना आना

(पनर्प्रस्तुति)

कान्हा कलयुग मॅ ना आना

कलजुग मॅ ना आना ओ मेरे कृष्ण-कन्हैया,
इस कलजुग मॅ ना आना ओ बंसी के बजैया,

यहाँ द्रोपा का आँचल तज कर जींस बढ़ानी होगी,
सत्यम के घर बन्दी होकर लाज बचानी होगी,

प्रेम-भाव के बदले तुमको देना होगा रुपिया,
मुरली तज कर रहमन के गीतॉ पर करना होगा ता-ता थैया,

तो कलजुग मॅ ना आना ओ मेरे कृष्ण-कन्हैया

रणछोड़ तो पहले से हो अब घर भी तजना होगा,
प्रभु नाम को डाल परे यहाँ धन-धन जपन होगा,

लौह-काठ के रथ को भूल अब कार चलानी होगी,
कैसे भी अब जैसे-तैसे नैया पार लगानी होगी,

चक्र सुदर्शन तज कर बन्दूक चलानी होगी,
सत्य-असत्य अब भूल सभी कुछ लाज बचानी होगी,

बनना होगा तुमको इस भारत का खेवैया,
तो कलजुग मॅ ना आना ओ मेरे कृष्ण-कन्हैया

TEST POST


Sahitya Shilpi

Thursday, January 15, 2009

कान्हा कलयुग मॅ ना आना

कान्हा कलयुग मॅ ना आना

कलजुग मॅ ना आना ओ मेरे कृष्ण-कन्हैया,
इस कलजुग मॅ ना आना ओ बंसी के बजैया,

यहाँ द्रोपा का आँचल तज कर जींस बढ़ानी होगी,
सत्यम के घर बन्दी होकर लाज बचानी होगी,

प्रेम-भाव के बदले तुमको देना होगा रुपैया,
मुरली तज कर रहमान के गीतॉ पर करना होगा ता-ता थैया,

तो कलजुग मॅ ना आना ओ मेरे कृष्ण-कन्हैया

रणछोड़ तो पहले से हो अब घर भी तजना होगा,
प्रभु नाम को डाल परे यहाँ धन-धन जपना होगा,

लोह-काठ के रथ को भूल अब कार चलानी होगी,
कैसे भी अब जैसे-तैसे नैया पार लगानी होगी,

चक्र सुदर्शन तज कर बन्दूक चलानी होगी,
सत्य-असत्य अब भूल सभी कुछ लाज बचानी होगी,

बनना होगा तुमको इस भारत का खेवैया,
तो कलजुग मॅ ना आना ओ मेरे कृष्ण-कन्हैया.
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